शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के अन्तर्गत मूक बधिर बच्चों को सुनने एवं बोलने योग्य बनाने हेतु होगी सर्जरी
जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया है कि उत्तर प्रदेश निर्धन एवं असहाय दिव्यांग व्यक्तियों की दिव्यांगता निवारण हेतु शल्य चिकित्सा नियमावली में कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी को सम्मिलित करते हुए कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी के लिये अनुदान की अधिकतम सीमा धनराशि रू0 600000/- प्रति लाभार्थी कर दिया गया है। जनपद में निर्धन एवं असहाय श्रवण बाधित (मूक बधिर) बच्चों का कॉक्लियर इम्प्लान्ट योजना अन्तर्गत सर्जरी कराये जाने हेतु 0 से 05 वर्ष तक के ऐसे बच्चे जो बोल व सुन नही सकते हैं तथा जिनका निःशुल्क सर्जरी कराकर सुनने एवं बोलने योग्य बनाया जा सकता है। जनपद में ग्राम्य विकास तथा बाल विकास विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार 0-5 साल तक के 72 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है जो सुन व बोल नही सकते हैं, परन्तु उनमें से अधिकाधिक के पास मूक-बधिर होने का प्रमाण पत्र नही है। जिलाधिकारी ने उक्त के दृष्टिगत प्राचार्य महर्षि देवरहा बाबा राजकीय मेडिकल कालेज एवं मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि वे मूक-बधिर प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु सक्षम चिकित्सकों को नामित करते हुए जिला चिकित्साल