दस्त होने पर बच्चों को दें ओआरएस का घोल-CMO :देवरिया केसरी

22 जून तक मनाया जाएगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

 जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का और एक कदम सुपोषण की ओर अभियान शुभारंभ बुधवार से हो गया है। सघन दस्त नियंत्रण 22 जून तक मनाया और एक कदम सुपोषण की ओर अभियान एक 6 जुलाई तक चलेगा। यह अभियान स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाएगा। इस दौरान बच्चों को दस्त होने पर जिंक तथा ओआरएस का घोल दिया जाएगा। आँगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषित बच्चों की जांच कर उन्हें सुपोषित बनाया जायेगा। इस सम्बंध में समुदाय को जागरूक भी किया जाएगा।
            कार्यक्रम में सीडीओ रवींद्र कुमार ने कहा कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा अभियान (22 जून तक) का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं बाल्यावस्था (पांच वर्ष तक के बच्चों) में दस्त के दौरान ओआरएस व जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना, समुदाय स्तर तक ओआरएस व जिंक की उपलब्धता, स्वच्छता व हाथों को साफ रखने से विभिन्न रोगों से परिवार को सुरक्षित रखने तथा कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों में डायरिया व कुपोषण की रोकथाम करना है। वहीं ‘एक कदम सुपोषण की ओर’ अभियान (6 जुलाई तक) गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ कुपोषित बच्चों के लिए चलेगा। इसका उद्देश्य गर्भवती व धात्री महिलाओं तक फोलिक एसिड, आयरन फॉलिक एसिड, कैल्शियम एवं एल्बेन्डाजॉल की उपलब्धता व सेवन को बढ़ावा देना, कुपोषित बच्चों तक आयरन सीरप, एल्बेन्डाजॉल, विटामिन-ए एवं मल्टी विटामिन की उपलब्धता व सेवन को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करना है।
              मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.राजेश झा ने कहा कि गर्मी में बच्चों की सेहत का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में दस्त बंद हो जाने के बाद ओआरएस की घोल भी बंद कर देनी है। जिंक की खुराक 14 दिनों तक जारी रखनी है। ऐसा करने से अगले तीन माह तक बच्चे में डायरिया होने की आशंका कम हो जाती है। जिंक और ओआरएस घोल का घोल देने के बाद भी दस्त बंद न हो तो नजदीक के अस्पताल पर चिकित्सक को जरूर दिखाएं। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान डायरिया से ग्रसित बच्चों की जांच एएनएम द्वारा भी की जाएगी। इन बच्चों में अगर कोई अति कुपोषित मिला तो उसके चिकित्सकीय प्रबंधन के लिए उसे नजदीकी अस्पताल या आवश्यकता पड़ने पर पोषण पुनर्वास केन्द्र ( एनआरसी ) भी भेजे। उन्होंने कहा कि ‘एक कदम सुपोषण की ओर’ अभियान में समस्त स्वास्थ्य इकाईयों की ओपीडी व आईपीडी, मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक (केवल गर्भवती महिलाओं के लिए) एवं वीएचएसएनडी-यूएचएसएनडी सत्र के माध्यम से जनजागरूकता एवं आवश्यक दवाओं का वितरण किया जायेगा ।
          डीपीओ कृष्णकांत राय ने कहा कि अभियान के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर सुपोषित बनाया जायेगा ।

डायरिया के लक्षणः

-बच्चों को पानी जैसा मल आना।
-बार-बार उल्टी होना।
-अधिक प्यास लगना।

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