देवरिया मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की बढ़ती मनमानी: मरीजों की परेशानी बढ़ी
देवरिया मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की बढ़ती मनमानी: मरीजों की परेशानी बढ़ी
उत्तर प्रदेश के देवरिया मेडिकल कॉलेज में हाल ही में जूनियर डॉक्टरों की मनमानी और लापरवाही की बढ़ती घटनाओं ने मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी में डाल दिया है। मरीजों के इलाज में देरी, अभद्र व्यवहार और अनियमितता जैसी शिकायतें आम हो गई हैं, जिससे अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मरीजों की शिकायतें और लापरवाही के मामले
मरीजों और उनके परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी और ओपीडी में आने वाले मरीजों को ठीक से देखा नहीं जाता। कई बार जूनियर डॉक्टर लापरवाही बरतते हैं, समय पर उपलब्ध नहीं रहते या फिर मरीजों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। कुछ मामलों में तो मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है, जबकि डॉक्टर अपने कक्ष में आराम फरमाते दिखते हैं।
व्यवस्थाओं पर उठते सवाल
अस्पताल प्रशासन की ओर से जूनियर डॉक्टरों पर सख्ती बरतने के दावे किए जाते हैं, लेकिन हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं। मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है और सही परामर्श न मिलने के कारण उनकी स्थिति और बिगड़ जाती है। कुछ मरीजों ने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टर जरूरी जांच और दवाओं के लिए बाहरी मेडिकल स्टोर्स की तरफ भेजते हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती है।
प्रशासन और सरकार से उम्मीदें
देवरिया मेडिकल कॉलेज के इस हालात पर सरकार और स्वास्थ्य विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन को चाहिए कि वह डॉक्टरों की ड्यूटी और मरीजों के इलाज की गुणवत्ता पर निगरानी रखे। जूनियर डॉक्टरों की जवाबदेही तय करने के लिए शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया जाए, जिससे मरीजों को उचित इलाज मिल सके।
अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं और अधिक प्रभावित हो सकती हैं। प्रशासन को इस दिशा में तत्परता से कदम उठाने की जरूरत है, ताकि आमजन को बेहतर इलाज मिल सके।
Comments
Post a Comment