(नीतीश कुमार आज दे सकते हैं इस्तीफा)- भयंकर राजनीतिक संकट की कगार पर खड़े बिहार में नीतीश, RJD और BJP के लिए उभर सकते हैं ये 5 हालात
विहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पिछड़ों के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा का असर लोकसभा चुनावों के पहले ही दिखने लगा है. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा के बाद बिहार सरकार में उथल पुथल शुरू हो गई है.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर जन्मशती समारोह को संबोधित करते हुए परिवारवाद पर जो कटाक्ष किए उससे लालू फैमिली से उनके रिश्ते उजागर हो गए हैं. नीतीश के कटाक्ष पर लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीटर हैंडल पर नीतीश के लिए जबरदस्त ताने कसे हैं. हालांकि दबाव बढने पर रोहिणी ने अपने ट्वीट डिलिट कर दिए . पर रोहिणी के ट्वीट के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.
पहले से ही महागठबंधन सरकार में दिख रहा तनाव अब डैमेज होने के कगार पर पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि आरजेडी भी अब डू आर डाई की सेचुएशन में है.ऐसी हालत में वो कुछ भी करने को तैयार है. आरजेडी तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए जेडीयू को तोड़ भी सकती है. इस बीच खबर आ रही है कि बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली रवाना हो गए हैं. उनके अलावा बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. जेडीयू नेता केसी त्यागी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, सम्राट चौधरी इंडिगो की फ्लाइट से गुरुवार को ही दिल्ली रवाना हुए हैं. बिहार की ताजा राजनीतिक हलचल को देखते हुए फिलहास 5 संभावनाएं बन रही हैं.
नीतीश कुमार हवा का रुख भांप चुके हैं. उन्हें पता है कि इंडिया एलायंस कभी मजबूत गठबंधन नहीं बन सकेगा. वो खुद चाहेंगे कि एनडीए में शामिल हो जाएं.नीतीश को पता लग गया है कि एनडीए की सरकार फिर आ रही है. पर ऐसी खबरें आ रही हैं कि बीजेपी अब उन्हें बिहार का सीएम न बना रहने दे. नीतीश कुमार से बीजेपी इसी शर्त पर समझौता कर सकती है कि बिहार में अब सीएम बीजेपी का होगा. नीतीश कुमार पार्टी बचाने के नाम पर यह भी मंजूर कर सकते हैं. क्योंकि पार्टी के कमजोर होते ही भगदड़ मच सकती है. ऐसी स्थिति में एनडीए में जाने का सौदा किसी भी हाल में उनके लिए फायदेमंद रहेगा. उन्हें एनडीए में कोई महत्वपूर्ण पद मिल सकता है. या चुनाव बाद उनको कोई बढ़िया मंत्रालय या राज्यपाल का पद भी मिल सकता है.
नीतीश कुमार पार्टी को टूटते हुए देखकर कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं. अगर बीजेपी से मुख्यमंत्री वाली बात बात टूट जाती है तो बीच का कोई रास्ता निकालने की कोशिश होगी. क्योंकि बीजेपी भी बिहार में आरजेडी को मजबूत होते नहीं देख सकती . जेडीयू में टूट को देखते हुए बीजेपी यह भी कर सकती है कि नीतीश कुमार को एनडीए में शामिल कर विधानसभा भंग करने की सिफारिश करवा सकती है. ऐसा होने पर लोकसभा चुनावों के साथ बिहार विधानसभा का भी चुनाव हो जाएगा. ऐसा होने पर नीतीश कुमार की बिहार से ससम्मान विदाई हो जाएगी. उन्हें एनडीए सरकार बनने पर केंद्र में कोई पद मिल सकता है.
तीसरी सूरत: आरजेडी जेडीयू को तोड़ ले और कांग्रेस-लेफ्ट के साथ सरकार बना ले
ऐसी अटकलें बहुत दिनों से लगाई जा रही हैं कि RJD खेमे ने 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए जेडीयू के 8 विधायकों को साधने की कवायद कर रही है. 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में आरजेडी + कांग्रेस + लेफ्ट की सीटों को मिला लिया जाए तो 79 + 19 +16 यानी 114 का नंबर बनता है. बहुमत के लिए सिर्फ 8 विधायकों की कमी रह जाती है. आरजेडी इन्हीं 8 विधायकों के लिए संघर्ष कर रहा है. आरजेडी को जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के 4 विधायक, AIMIM का 1 विधायक, एक निर्दलीय विधायक के साथ आने का भरोसा है. इन सबके आने के बावजूद भी 2 विधायकों की कमी रह जाती है. आज तक की रिपोर्ट के अनुसार लालू से मुलाकात करने उनके करीबी भोला यादव और शक्ति सिंह यादव राबड़ी आवास पर पहुंचे हैं. उनके अलावा कुछ अन्य विधायक भी पहुंच रहे हैं.
चौथी सूरत: नीतीश और आरजेडी की खींचतान के बीच बिहार में राष्ट्रपति शासन
एक संभावना यह भी बनती है कि एनडीए किसी भी सूरत में नीतीश कुमार को स्वीकार न करे. क्योंकि बिहार में बीजेपी कुछ दिनों में बहुत मजबूत स्थिति में पहु्ंच चुकी है. कुढ़नी विधानसभा का चुनाव ऐसे ही नहीं महागठबंधन हार गया था. राम मंदिर उद्घाटन के बाद बीजेपी दोगुने उत्साह में है. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद ईबीसी जातियों में भी बीजेपी की पैठ बन रही है. वैसे भी नीतीश कुमार के कमजोर होने के बाद ईबीसी जातियां बीजेपी को ही वोट देंगी. कारण ये है कि उन्हें पता है कि नीतीश कुमार को वोट देने से एक बार फिर आरजेडी का जंगलराज का सामना करना पड़ सकता है.
आरजेडी से यादव और मुसलमान भी टूट रहे हैं. सबसे बढ़कर नीतीश को साथ लाने पर बीजेपी को आशंका है कि एंटी इंकंबेंसी वाले वोटों से उसे महरूम होना पड़ेगा. इसके साथ ही बीजेपी यह भी नहीं चाहेगी कि राज्य में आरजेडी सरकार बना ले. बीजेपी को पता है कि लोकसभा चुनावों में सत्ता की ताकत कितनी महत्वपूर्ण हो जाती है. इसलिए अगर आरजेडी तोड़फोड़ करके सरकार बनाने की कोशिश करती है तो केंद्र सरकार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लगा सकती है.
पांचवीं सूरत: नीतीश कुमार की इंडिया एलायंस छोड़ने की मजबूरी
नीतीश कुमार राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. हवा का रुख भांपने में वो उस्ताद रहे हैं. उन्हें पता है कि अगले लोकसभा चुनाव में अगर सर्वाइव करना है तो आरजेडी का साथ छोड़ना होगा.इस सूरत में उन्हें एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनना होगा.जिस तरह उन्होंने परिवारवाद का आरोप लगाया है वो केवल लालू यादव फैमिली के बारे में ही सही नहीं है. परिवाद से ग्रसित तो पूरा इंडिया गठबंधन ही है. कांगेस , एनसीपी शरद पवार, शिवसेना उद्धव ठाकरे, डीएमके आदि सभी हैं. लालू यादव की फैमिली ने गुस्सा जाहिर कर दिया . गुस्सा तो पूरे इंडिया एलायंस ही होगा. ऐसी स्थिति में नहीं लगता है नीतीश कुमार अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा हो सकेंगे.परिवारवाद वाले हमले के अलावा नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को अब तक भारत रत्न न मिलने के लिए कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया था. जाहिर है कि अब नीतीश कुमार का मन इंडिया गठबंधन से भर चुका है.
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