क्या आप जानते हैं कि कब, कैसे और कहाँ हुई टाई की उत्पत्ति?

सही मायने में लुईस द ग्रेट ने इसकी शुरुआत 1646 के आसपास की. प्रोटेस्टेंट और कैथोलिको सैनिकों के बीच पहनावे को लेकर कोई अंतर न था. तभी अलग पहचान के लिए लुई चौदहवें यानि लुई-द ग्रेट ने गले में टाई बांधनी शुरू की, और देखते ही देखते समूचे फ्रांस ने इस वेशभूषा को अपना लिया.
हालांकि टाई पहले भी पहनी जाती थी, 
दुनिया भर में पुरुषों की पोशाक में नेकटाई (Necktie) का एक विशेष स्थान है। विभिन्न स्थानों में इसका उपयोग आज अनिवार्य रूप से किया जाने लगा है। वर्तमान में इसका उपयोग केवल किसी व्यावहारिक उद्देश्य के लिये ही नहीं किया जा रहा बल्कि सजावटी उद्देश्य के लिये भी किया जा रहा है। हज़ारों वर्षों से टाई विभिन्न रूपों में अस्तित्व में रही है। प्राचीन मिस्र में टाई का उपयोग चार हज़ार साल पूर्व से किया जा रहा है। पुरातत्वविदों के अनुसार मिस्र में ममियों (Mummies) के गले में भी टाई को ताबीज़ के रूप में पहनाया जाता था।
ओशियनिया (Oceania) में अमेज़न के आदिवासी बहुत कम कपड़े पहनते थे लेकिन उनके जीवन में भी गले के वस्त्रों का बहुत विशेष स्थान था। कहा जाता है कि नेकटाई की शुरूआत यूरोप में तीस साल के युद्ध की उथल-पुथल के दौरान हुई। उस समय इसका उपयोग स्कार्फ (Scarves) के रूप में किया गया। इन स्कार्फ का उपयोग सम्मान के प्रतीक के रूप में केवल सैनिक ही किया करते थे। उस समय आम जनता को इसे पहनने की अनुमति नहीं थी। इन स्कार्फ का उपयोग सबसे पहले टेराकोटा वारियर्स (Terracotta Warriors) ने किया था। बौद्धकाल में भी टाई का प्रचलन काफी अधिक प्रचलित था। टाई का आविष्कारकर्ता क्रोट्स (Croats) को माना जाता है। क्रोट (Croat) शब्द ह्र्रवात (hrvat) से उपजा है, जो अंततः क्रैवेट (Cravat) में विकसित हुआ।

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