पापों से मुक्ति दिलाकर वैकुंठ की प्राप्ति कराती है भागवत कथा
उक्त बातें पिपरा खेमकरन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के प़थम दिन श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास डाक्टर श्रीप्रकाश मिश्र जी ने कही। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत के श्रवण से पापी से पापी व्यक्ति का उद्धार हो जाता है। जो व्यक्ति नित्य भागवत जी के कथा का श्रवण एवं पाठ करता है सभी पुण्यों को प़ाप्त करता है उसे एक हजार कपिला गौ के दान का पुण्य मिलता है श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से धुंधकारी जैसे वेश्यागामी मद्यपेई का भी उद्धार हो गया था । जिसके घर में भागवत जी का नित्य पाठ व पूजन होता है उस घर में रोग व्याधि जरा पीडा नहीं होती है । इस भागवत जी की कथा के अनुपम विषय में सनकादि ऋषियों ने नारदजी को बताया कि भगवान कहते हैं कलियुग में जहां जहां भागवत जी रहते हैं वहां वहां मैं देवताओं के साथ उपस्थित रहता हूं जहां भागवत की कथा होती है वहां सारे देवी देवता तीर्थ नदी सरोवर विराजमान होते हैं । यह पावन पुराण श्रीमद्भागवत आयु आरोग्य और पु्ष्टि को देने वाली है ।
कथा के प़ारम्भ में शोभा यात्रा बरहज सरयू नदी में जाकर वरुण देवता का पूजन करके जल भरकर कथास्थली पर आकर गणेशादि देवताओं का पूजन किया गया यह कथा नित्य सायं तीन बजे से रात्रि आठ बजे तक चलेगी । इस अवसर पर मुख्य यजमान परमेश्वर दयाल मिश्र जी एवं मुख्य अतिथि दीपक मिश्र शाका विधायक बरहज प़द्युम्न मिश्र अवधेश मिश्र रामनयन मिश्र शर्वेशंकर यादव अनिल मौर्या विनोद मौर्य गुजेश्वर राजभर विनोद चौहान आदि श्रोताओं नें कथा का रसपान किये ।।
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