देवरिया में पुलिस की कथनी अनुसार अपनी लेखनी लिख रहे हैं अधिकांश क्राइम रिपोर्टर- संजय विश्वकर्मा

जनपद देवरिया: डीएम के कमान कप्तान की कप्तानी पर संदेह

अपराध के समीक्षा की खबरें अब अखबारों से गायब हो चली हैं। हत्या, लूट, बलात्कार, चोरी जैसे कितने मामले फाइलों में दफनाए जा रहे कोई क्राइम रिपोर्टर इसे सूंघ तक नहीं पा रहा तो इन्हीं सब मामलों के पोस्टमार्टम के लिए जाना जाता था। पुलिस के रजिस्टर भले ही मेंटेन न हों, क्राइम रिपोर्टर की डायरी जिले के हर एक छोटी बड़ी घटना की तारीख बता देती थी। अब तो इसके रिपोर्टर भी पुलिस की चरण वंदना कर रहे हैं। पुलिस जो बताती है वही खबर सुबह के अखबार में देखने को मिलती है। 
अपराध की मासिक समीक्षा बैठक कब हुई, थानावार इस माह कितने मामले दर्ज हुए, किस थाने में अपराध बढ़ा, कहां मारपीट के मामले अधिक आए, किस थाना क्षेत्र में हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, महिला उत्पीड़न, लूट, छिनैती, चोरी आदि बढ़े या घटे.., इस तरह की खबरें दबा दी जा रही हैं।

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