गोरखपुर में 50 एकड़ भूमि नदी में विलीन, गांव के लिए दुर्भाग्य बनी सरयू
सरयू नदी का कटान देखकर लग रहा है कि कछारांचल स्थित बगहा गांव के लिए यह फिर मुसीबत का कारण न बन जाए। कटान से एक सप्ताह में करीब 50 एकड़ भूमि नदी में विलीन हो चुकी है। इसी तरह कटान होता रहा तो पांच दर्जन से अधिक घरों की बस्ती व प्राथमिक स्कूल का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
इससे किसान चिंतित हो गए हैं।
क्षेत्र के बगहा गांव से मात्र सौ मीटर की दूरी पर सरयू नदी बह रही है। नदी अब बस्ती की तरफ बढ़ती जा रही है। कटान से फकीर साहनी, झब्बू साहनी, विनोद साहनी, अरविंद पाल, कन्हैया पाल, नन्हे पाल, बेलास साहनी, राम अवध, कोलाहल, गौरी, राम किशुन, कपूर, नरेश सहित कई किसानों की सैकड़ों एकड़ धान की खड़ी फसल नदी में समा गई है।
किसानों का कहना है कि फसलों को नदी की कटान बर्बाद कर रही है। ग्रामीणों ने घाघरा नदी की कटान रोकने व क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दिलाने की प्रशासन से मांग की है। पूर्व प्रधान कमलेश सिंह ने बताया कि मैंने इसकी सूचना सांसद कमलेश पासवान, जिलाधिकारी गोरखपुर, उपजिलाधिकारी गोला, तसीलदार गोला, क्षेत्रीय लेखपाल आदि सभी को सूचित किया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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